96.The Clot

  1. अपने पालनहार के नाम से पढ़, जिसने पैदा किया।
  2. जिस ने मनुष्य को रक्त को लोथड़े से पैदा किया।
  3. पढ़, और तेरा पालनहार बड़ा दया वाला है।
  4. जिस ने लेखनी के द्वारा ज्ञान सिखाया।
  5. इन्सान को उसका ज्ञान दिया जिस को वह नहीं जानता था।
  6. वास्तव में, इन्सान सरकशी करता है।
  7. इसलिए कि वह स्वयं को निश्चिन्त (धनवान) समझता है।
  8. निःसंदेह, फिर तेरे पालनहार की ओर पलट कर जाना है।
  9. क्या तुमने उसे देखा जो रोकता है।
  10. एक भक्त को, जब वह नमाज़ अदा करे।
  11. भला देखो तो, यदि वह सीधे मार्ग पर हो।
  12. या अल्लाह से डरने का आदेश देता हो
  13. और देखो तो, यदि उसने झुठलाया तथा मुँह फेरा हो
  14. क्या वह नहीं जानता कि अल्लाह उसे देख रहा है
  15. निश्चय यदि वह नहीं रुकता, तो हम उसे माथे के बल घसेटेंगे।
  16. झूठे और पापी माथे के बल।
  17. तो वह अपनी सभा को बुला ले।
  18. हम भी नरक के फ़रिश्तों को बुलायेंगे।
  19. (हे भक्त) कदापि उसकी बात न सुनो तथा सज्दा करो और मेरे समीप हो जाओ।