94.The Consolation

  1. (हे नबी!) क्या हमने तुम्हारे लिए तुम्हारा वक्ष (सीना) नहीं खोल दिया
  2. और तुम्हारा बोझ नहीं उतार दिया
  3. जिसने तुम्हारी पीठ तोड़ दी थी।
  4. और तुम्हारी चर्चा को ऊँचा कर दिया।
  5. निश्चय कठिनाई के साथ आसानी भी है।
  6. निश्चय कठिनाई के साथ आसानी भी है।
  7. अतः, जब अवसर मिले, जो आराधना में प्रयास करो।
  8. और अपने पालनहार की ओर ध्यानमग्न हो जाओ।