91.The Sun

  1. सूर्य तथा उसकी धूप की शपथ है
  2. और चाँद की शपथ, जब उसके पीछे निकले
  3. और दिन की शपथ, जब उसे (अर्थात सूर्य को) प्रकट कर दे
  4. और रात्रि की सौगन्ध, जब उसे (सूर्य को) छुपा ले
  5. और आकाश की सौगन्ध तथा उसकी जिसने उसे बनाया
  6. तथा धरती की सौगन्ध और जिसने उसे फैलाया
  7. और जीव की सौगन्ध, तथा उसकी जिसने उसे ठीक ठीक सुधारा।
  8. फिर उसे दुराचार तथा सदाचार का विवेक दिया है।
  9. वह सफल हो गया, जिसने अपने जीव का शुध्दिकरण किया।
  10. तथा वह क्षति में पड़ गया, जिसने उसे (पाप में) धंसा दिया।
  11. समूद" जाति ने अपने दुराचार के कारण (ईशदूत) को झुठलाया।
  12. जब उनमें से एक हत्भागा तैयार हुआ।
  13. (ईशदूत सालेह ने) उनसे कहा कि अल्लाह की ऊँटनी और उसके पीने की बारी की रक्षा करो।
  14. किन्तु, उन्होंने नहीं माना और उसे वध कर दिया, जिसके कारण उनके पालनहार ने यातना भेज दी और उन्हें चौरस कर दिया।
  15. और वह उसके परिणाम से नहीं डरता।