85.The Constellations

  1. शपथ है बुर्जों वाले आकाश की
  2. शपश है उस दिन की, जिसका वचन दिया गया
  3. शपथ है साक्षी की और जिसपर साक्ष्य देगा
  4. खाईयों वालों का नाश हो गया
  5. जिनमें भड़कते हुए ईंधन की अग्नि थी।
  6. जबकि वे उनपर बैठे हुए थे।
  7. और वे ईमान वालों के साथ जो कर रहे थे, उसे देख रहे थे।
  8. और उनका दोष केवल यही था कि वे प्रभावी प्रशंसा किये अल्लाह के प्रति विश्वास किये हुए थे।
  9. जो आकाशों तथा धरती के राज्य का स्वामी है और अल्लाह सब कुछ देख रहा है।
  10. जिन्होंने ईमान लाने वाले नर नारियों को परीक्षा में डाला, फिर क्षमा याचना न की, उनके लिए नरक का दण्ड तथा भड़कती आग की यातना है।
  11. वास्तव में, जो ईमान लाये और सदाचार बने, उनके लिए ऐसे स्वर्ग हैं, जिनके तले नहरें बह रही हैं और यही बड़ी सफलता है।
  12. निश्चय तेरे पालनहार की पकड़ बहुत कड़ी है।
  13. वही पहले पैदा करता है और फिर दूसरी बार पैदा करेगा।
  14. और वह अति क्षमा तथा प्रेम करने वाला है।
  15. वह सिंहासन का महान स्वामी है।
  16. वह जो चाहे करता है।
  17. हे नबी! क्या तुम्हें सेनाओं की सूचना मिली
  18. फ़िरऔन तथा समूद को।
  19. बल्कि काफ़िर (विश्वासहीन) झुठलाने में लगे हुए हैं।
  20. और अल्लाह उन्हें हर ओर से घेरे हुए है।
  21. बल्कि, वह गौरव वाला क़ुर्आन है।
  22. जो लेखपत्र (लौह़े मह़फ़ूज़) में सुरक्षित है।