101.The Calamity

  1. वह खड़खड़ा देने वाली।
  2. क्या है वह खड़ख़ा देने वाली
  3. और तुम क्या जानो कि वह खड़खड़ा देने वाली क्या है
  4. जिस दिन लोग, बिखरे पतिंगों के समान (व्याकूल) होंगे।
  5. और पर्वत, धुनी हुई ऊन के समान उडेंगे।
  6. तो जिसके पलड़े भारी हुए
  7. तो वह मनचाहे सुख में होगा।
  8. तथा जिसके पलड़ हल्के हुए
  9. तो उसका स्थान 'हाविया' है।
  10. और तुम क्या जानो कि वह (हाविया) क्या है
  11. वह दहक्ती आग है।